बिहार में कोरोना मरीज की संख्या पहुंची 70 पर, 4 कोरोना पॉजिटिव का केस सामने आया है। इस तरह सूबे में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है। जिन चार लोगों में कोरोना का वायरस मिला है, उनमें 2 महिला है, जिनकी उम्र 35 साल और 25 साल है। वहीं एक पुरुष जिसका उम्र 60 साल है, तीनों नालंदा के रहने वाले हैं। ये सभी दुबई से आए कोरोना पॉजिटिव शख्स के संपर्क में आए थे। वहीं 60 वर्षीय चौथा मुंगेर का बताया जा रहा है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने पुष्टि कर दी है।
इस वक्त बिहार के सिवान जिला से एक बड़ी खबर यह आ रही है। जहां एक कोरोना संदिग्ध की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि जिले के पंजवार गांव के रहने वाले एक व्यक्ति को कोरोना संदिग्ध पाये जाने के बाद शहर के एक होटल में बने कोरेंटाइन सेंटर में रखा गया था, जहां उसकी मौत हो गई है। आपको तो यह पता ही होगा कि बिहार में कोरोना मरीज का हॉट स्पॉट सिवान जिला है। जहां, कोरोना पॉजिटिव के सबसे ज्यादा मामले सिवान जिले से ही सामने आए है। जिसके बाद जिले को पूरी तरह से सील किया जा चुका है।
बिहार में कोरोना मरीज के हिसाब से 14 अप्रैल रहा था राहत भरा
सूबे में मंगलवार का दिन राहत भरा रहा, लेकिन बुधवार को फिर चार नए मामले मिले हैं। इसके साथ ही राज्यर में 70 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से मुंगेर के एक युवक की मृत्यु हो चुकी है। हालांकि, 33 लोग अब तक स्वस्थ भी हो चुके हैं। जहां तक हॉट स्पॉट्स की बात है, राज्य में सिवान, बेगूसराय व नवादा को कोरोना के रेड जोन में रखा गया है। वहीं बिहार में अभी तक मिले कोरोना मरीज के कुल मामलों में सबसे अधिक 29 सिवान के हैं। सिवान का रघुनाथपुर स्थित पंजवार गांव कोरोना का केंद्र बन गया है। आठ मामलों के साथ बेगूसराय दूसरे स्थान पर है। ये दोनों जिले कोरोना के हॉट स्पॉेट बनकर उभरे हैं। तीसरा जिला जिसे कोरोना के रेड जोन में रखा गया है, नवादा है। वहां तीन पॉजिटिव केस मिले हैं।
गौरतलब है कि मुंगेर में कोरोना के 7 मामले मिले थे, और वहां के एक संक्रमित की मौत भी हो गई, लेकिन यहां के सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्व स्थक हो जाने के कारण अब यह हॉट स्पॉट नहीं रहा। राहत की बात यह भी है कि यहां बीते 15 दिनों के अंदर एक भी कोरोना केस नहीं मिला है। 5 मरीज मिलने के बावजूद अब पटना में भी कोरोना की चेन टूट चुकी है। पटना के सभी संक्रमित अब स्वस्थ हो चुके हैं।
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8000 गावों की होगी स्क्रीनिंग
कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुये राज्य सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए एक और बड़ा फैसला किया है। नीतीश सरकार का नया फैसला यह है कि उन सभी घरों में लोगों की स्क्रीनिंग होगी जो 1 से 23 मार्च के बीच विदेशों से आये है। यानि की अब स्क्रीनिंग टीम वाले उन लोगों के गांवों में जाकर सभी घरों के सभी मेंबर की स्क्रीनिंग करेंगे। विदित हो कि अब तक राज्य के ऐसे 8 हजार गांवों कोचिह्नित कर लिया गया है, जहां स्क्रीनिंग करायी जाएगी। इसके अलावा सूबे के 4 जिले सीवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा में भी घर-घर में जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम स्क्रीनिंग करेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह सख्त निर्देश है कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर 16 अप्रैल से डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग शुरू कराएं। इस तरह वृहत पैमाने पर स्क्रीनिंग करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना है। मुख्यमंत्री ने मंगवलवार को एक अणे मार्ग में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की गहन समीक्षा की और कहा कि जो भी चिकित्सा कर्मी जांच के लिए जाएंगे, उनकी सुविधा और सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें। साथ ही सीएम ने स्क्रीनिंग के दौरान 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों पर विशेष नजर रखने की भी हिदायत दी और कहा कि इस अभियान को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पालन करते हुये सफलता से संपन्न करें।