बिहार में विधानसभा चुनाव पास आते ही पंचायती स्तर के विकास पर सरकार जोर देने लगी है। इस समय सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को वित्त आयोग के अनुदान के तहत राशि दी है। 15 वें वित्त आयोग के अनुदान के तहत राज्य को पांच हजार करोड़ से अधिक की राशि मिली है। जिसमें कि पंचायतों को 70 प्रतिशत हिस्सा मिले की बात कही गई है। यानी करीब 3500 करोड़ रुपए मिलेंगे। ऐसे में बिहार के ग्राम पंचायतों का विकास सरकार की प्राथमिकता है।
राज्य में कुल 8386 पंचायतों की संख्या है। ऐसे देखा जाए तो हर पंचायत को 41 लाख के आस-पास राशि मिलेगी। सरकार का कहना है कि पंचायतों को यह राशि उनकी आबादी और उनके क्षेत्र के हिसाब से तय किए जाएंगे। ऐसे में हर पंचायत के लिए अलग अलग राशि का आवंटन किया जाएगा।
ग्राम पंचायतों की 70 फीसदी हिस्सेदारी
15वें वित्त आयोग में बंटने वाली राशि का नियम तय कर दिया गया है। इस बार इसका बंटवारा त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के द्वारा होगा। इसमें 70 प्रतिशत हिस्सेदारी ग्राम पंचायतों की होगी। जबकि 20 प्रतिशत पंचायत समिति और 10 प्रतिशत जिला परिषद को हिस्सा दिया गया है। ये राशी दो किस्तों में पंचायती राज विभाग को दी जाएगी। इसमें जल्द ही पंचायती राज विभाग को पहली किस्त मिलने की उम्मीद है। केन्द्र सरकार ने पहली किस्त देने के लिए पहल शुरू कर दी है। वहीं इस किस्त की दूसरी राशी अक्तूबर-नवंबर में आने की उम्मीद है।
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केन्द्र ने इस बार राशी देने के नियमों में संशोधन किया है। यह राशि सीथे पंचायतों के खाते में भेज दी जाएगी। विभाग द्वारा यह राशि पंचायतों के खाते में दी जाएगी। जिसका उपयोग पंचायतों के विभिन्न विकास कार्यों में किया जाएगा। सबसे ज्यादा जोर हर घर जल योजना पर दिया जाएगा। इस बार 15वें वित्त आयोग द्वारा मिलने वाली राशि का बंटवारा होगा जबकि पहले यह ग्राम पंचायतों को दिया गया था।