देश के 103 शहरों में बिहार कि राजधानी पटना की वायु गुणवत्ता शनिवार को सबसे खतरनाक स्तर पर रिकॉर्ड की गई। दूसरे स्थान पर मुरादाबाद की हवा में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया। बिहार के एक और अन्य जिले मुजफ्फरपुर की वायु गुणवत्ता भी बेहद खतरनाक स्तर के करीब मापी गयी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कि रिपोर्ट
देश के प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा शनिवार 19 अक्टूबर को जारी 103 शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक (पार्टिकुलेट मैटर, पीएम 2.5) में राजधानी पटना में स्थिति सबसे खतरनाक बताई गयी है। पटना में पीएम 2.5 का स्तर 309 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया है, वहीं मुरादाबाद दूसरे स्थान पर रहा, यहां यह स्तर 303 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर बताया गया है। मुजफ्फरपुर में पीएम 2.5 का स्तर 279 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया।
बीते वर्ष भी था यही हाल
बीते साल 2018 में, 23 अक्टूबर से पटना की हवा में प्रदूषण की मात्र बढ़नी शुरू हुई थी। 25 अक्टूबर को पीएम 2.5 का स्तर 315 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया था। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष नवंबर में दीपावली के दिन पटना की हवा देश में सबसे अधिक प्रदूषित बताई गयी थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर में बीते वर्ष की तुलना में हवा में नमी की मात्र बढ़ जाने के वजह से वायुमंडल में धूलकण जमा होते जा रहे हैं।
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दीपावली में इस बार पटना की वायु गुणवत्ता में प्रदूषण कम करने के लिए स्कूलों में बच्चों के बीच हरित दिवाली के प्रति जागरुकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छात्र-छात्रओं को जागरूक किया जा रहा है। उम्मीद है कि इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले।