भारत-नेपाल के बीच विवाद गहरा होता जा रहा है। नेपाल ने भारत के रक्सौल के पनकोटा बॉर्डर पर नेपाल पुलिस फोर्स ने सीमा चौकी स्थापित की है। ये चौकी रक्सौल में पनटोका बॉर्डर पर सरिसवा नदी के पार लगाई गई है। इसके लिए भारत की ओर से भी अब सतर्कता बरती जा रही है। एसएसबी 47वीं बटालियन ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। एसएसबी की टीम ने भूमि की पैमाइश शुरु कर दी है। इस दौरान वहां का ग्रामीणों का आरोप है कि नेपाल ने जिस भूमि पर पोस्ट बनाया है वह भारत की भूमि है।
भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल ने भारत सीमा में बनाई चौकी
[inline_posts type=”related” box_title=”” align=”alignleft” textcolor=”#000000″ background=”#c4c4c4″][/inline_posts]
इसके बीच कुछ पिलरों के गायब होने की भी खबर की पुष्टि हुई है। इन्हीं गायब पिलरों के बीच नेपाल ने नई चौकी स्थापित की है। इन चौकियों के मदद से नेपाल द्वारा भारतीय सीमा क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। इसी पनटोका गांव से नेपाल जाने आने का रास्ता है जो बॉर्डर सील बंद है। यहां पर कुल 393 पिलर हैं। इसके अलावा यहां एसएसबी का चेक पोस्ट भी है। इन्हीं पिलरों में से कुछ पिलर नेपाल द्वारा हटा कर वहां अपना पिलर स्थापित किया गया है। ग्रामीणों के अनुसार सरिसवा नदी लगभग 100 मीटर भारतीय क्षेत्र में है।
नदी के बिहार वाले हिस्से में पिलर 13 के पास कुछ घाट भी है। जहां कि छठ घाट भी है। इसी के ऊपर नेपाल ने अपनी चौकी बना रखी है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन पर नेपाली फोर्स ने सीमा चौकी बनाई है वह जमीन भारत के हिस्से की है। नेपाली प्रशासन हमे खेती नहीं करने देता है। इस संदर्भ में एसएसबी कमांडेंट ने बताया कि मामले को लेकर मुख्यालय को आगाह कर दिया गया है। इसको लेकर जांच शुरू कर दी गई है। रक्सौल एसडीयो ने कहा कि मामला एसएसबी का अंतर्गत है। एसएसबी इसमें कार्रवाई कर सकती है।