पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने एक बार फिर बड़ा मोहरा चलते हुए बिहार का दलित चेहरा माने जाने वाले जीतन राम मांझी को अपने पाले में कर लिया। जीतन राम मांझी बुधवार को जदयू के साथ गठबंधन का एलान करते हुए कहा कि आज से हमारा गठबंधन एनडीए के साथ हो रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा लूंगा। गौरतलब है कि 20 अगस्त को ही जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया था तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि जीतन राम मांझी का एनडीए में शामिल होना लगभग तय है।
मांझी ने कहा-बिना शर्त हुआ शामिल
जीतन राम मांझी ने एनडीए के साथ गठबंधन का ऐलान करते हुए कहा कि हमारी पार्टी का जदयू के साथ पार्टनर के रूप में अलायंस हुआ है न कि किसी ढंग का कोई मर्जर। सीटों के सवाल पर जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की तारीफ में कसीदे कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार से हमारा पुराना संबंध रहा है। गठबंधन में बिना शर्त शामिल हुआ हूं। सीटें कितनी मिलेगी यह जदयू और हम मिलकर तय कर लेंगे। वहीं जीतन राम मांझी ने एनडीए में शामिल होते ही राजद पर जमकर हमला बोला। जीतन राम मांझी ने लालू प्रसाद पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के चक्कर में आ गए थे जिस कारण गठबंधन में शामिल हुए। राजद पूरी तरह से भ्रष्टाचार और घोटाले में डूबी हुई पार्टी है। जीतान राम मांझी ने कहा कि पिछले कई महीनों से गठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने की बात कह रहा था पर महीनों गुजरने के बाद भी मेरी बात नहीं सुनी गई। इस कारण यह फैसला लेना पड़ा।
तेजस्वी पर कसा तंज
जीतन राम मांझी के पुत्र को राजद द्वारा एमएलसी बनाने के सवाल पर भड़कते हुए मांझी ने कहा कि हमारा पुत्र कोई सातवां पास नहीं है। हमारा बेटा एमए पीएचडी किया हुआ है। उसे मेरिट के आधार पर एमएलसी बनाया गया था न की किसी के रहमों करम पर। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जिस ढंग से चिराग लगातार नीतीश कुमार पर सवाल खड़े करते रहे हैं वैसे में चिराग के काट के तौर पर नीतीश कुमार ने दलित चेहरा मांझी को शामिल किया ताकि चुनाव में जदयू के तरफ से एक बड़ा दलित चेहरा जातीय समीकरण को साधने में मदद कर सके।