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बिहार म्यूजियम घोटाला: कानूनी कारवाई के बाद 8 कर्मी नौकरी से हटाए गए

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पिछले महीने बिहार म्यूजियम घोटाला सामने आया था। म्यूजियम घोटाला के पर्दाफाश होने के बाद कार्रवाई शुरु हो गयी थी। बड़ी कारवाई का ही परिणाम है कि बिहार म्यूजियम के आठ कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया है। विकास आयुक्त सहशासी निकाय अध्यक्ष के आदेश पर इन सभी आठ संविदा कर्मियों का नियोजन रद्द कर दिया गया है।

संग्रहालय के अध्यक्ष सहित अपर निदेशक ने बिहार म्यूजियम की ओर से जारी आदेश में कहा कि इनकी नियुक्ति नियमों के विरुद्ध हुई है, इसलिए इनका नियोजन तत्काल पांच नंवबर 2019 से रद्द किया जा रहा है।

कला संस्कृति विभाग के अपर सचिव दीपक आनंद ने कहा कि इन सभी कर्मियों की बहाली के लिए ना तो विज्ञापन निकाला गया था, न ही आरक्षण नियमावली का पालन किया गया और न ही सक्षम प्राधिकार से किसी प्रकार की स्वीकृत ली गई थी। यहां तक कि स्वीकृत पद के विरुद्ध जाकर भी म्यूजियम में बहाली कर ली गई। ऐसे में विकास आयुक्त सह शासी निकाय के अध्यक्ष के आदेश पर इन सभी संविदा कर्मियों की नियुक्ति रद्द की जा रही है। इन कर्मियों का नियोजन पूर्व निदेशक मो। युसूफ के कार्यकाल में हुआ था।

निलंबित सभी आठ कर्मचारियों के नाम व पद

  • अमृत प्रकाश साह- सहायक कला समन्वयक
  • अभिषेक राज- लेखापाल
  • विधानचंद्र कुमार- निर्गत शाखा कार्य
  • कुणाल कुमार- डाटा इंट्री ऑपरेटर
  • सुनिल कुमार- बुक सेल्विंग
  • चंदन कुमार- स्टोर कीपर
  • महेंद्र कुमार- विपत्र लिपिक
  • अबू राफे- प्रौद्योगिकी तकनीशियन

जहां एक ओर बिहार म्यूजियम के अपर सचिव सह प्रभारी निदेशक दीपक आनंद ने कहा, नियम के विरुद्ध इन सभी की बहाली हुई थी, इसलिए सभी आठ संविदा कर्मियों का नियोजन रद्द कर दिया गया है। यहां तक की सक्षम प्राधिकार से आदेश भी नहीं लिया गया था।

वही दूसरी ओर बिहार म्यूजियम के पूर्व निदेशक मो. युसूफ का कहना है कि बहालियां नियम के अनुसार ही हुई थी। आरक्षण नियमावली का पालन भी हुआ था। सिर्फ एक सामान्य बाकी सभी सात पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के कर्मी थे। घोटालेबाजों को बचाने के लिए छोटे कर्मियों की बलि दी गई है।

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