10 नवंबर को आएंगे नतीजे
पटना। भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की तारीखों का ऐलान कर दिया। शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि बिहार चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर, दूसरे चरण का मतदान 03 नवंबर और तीसरे व आखिरी चरण का मतदान 07 नवंबर को होगा। 10 नवंबर को नतीजे आएंगे। कोरोना काल में होने जा रहे चुनाव में कई विशेष सावधानियां बरती जाएंगी। चुनाव आयोग ने इसके लिए खास इंतजाम किया। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। बतादें कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है।
चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 16 जिलों की 71 सीटों पर मतदान होगा। इसके लिए 31 हजार पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर मतदान होगा। इसके लिए 42 हजार पोलिंग स्टेशन बनाया जाएगा। तीसरे और अंतिम चरण में 15 जिलों की 78 सीट पर मतदान होगा। आखिरी चरण में 33.5 हजार पोलिंग स्टेशन पर मतदाता मतदान कर पाएंगे।
पहले चरण के लिए 1 अक्टूबर को जारी होगी अधिसूचना
सुनील अरोड़ा ने बताया कि पहले चरण के मतदान के लिए 1 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी। उम्मीदवार 8 अक्टूबर तक नामांकन कर सकते हैं। 9 अक्टूबर को स्क्रूटनी होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 12 अक्टूबर है। दूसरे चरण के लिए अधिसूचना 9 अक्टूबर को जारी होगी। नामांकन की अंतिम तारीख 16 अक्टूबर है। स्क्रूटनी के लिए 17 अक्टूबर की तारीख तय की गई। दूसरे चरण के लिए नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 19 अक्टूबर है। तीसरे चरण के लिए 13 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी। नामांकन करने के लिए 20 अक्टूबर आखिरी दिन होगा। स्क्रूटनी की तारीख 21 अक्टूबर है और नामांकन वापसी के लिए अंतिम तारीख 23 अक्टूबर तय की गई।
नामांकन के दौरान सिर्फ दो गाड़ियों की अनुमति
सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना के कारण इस बात कुछ बदलाव किया गया है। नामांकन के दौरान सिर्फ दो गाड़ियों की अनुमति दी गई है। इससे ज्यादा गाड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। आयोग ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से ध्यान रखना होगा। साथ ही साथ डोर-टू-डोर कैंपेन के दौरान उम्मीदवार के साथ सिर्फ पांच लोग ही जा सकेंगे। इस बार आयोग ने ऑनलाइन नामांकन की सुविधा भी दी।
कोरोना मरीज आखिरी घंटे में कर सकेंगे मतदान
सुनील अरोड़ा ने कहा कि 7 लाख सेनिटाइजर और 46 लाख मास्क की व्यवस्था की गई है। इसके साथ चुनाव कर्मियों के लिए 6 लाख फेस शील्ड का इंतजाम किया गया है। 23 लाख हैंड ग्लव्स की व्यवस्था की गई है। वहीं मतदाताओं के लिए एक बार प्रयोग करने वाले 7.2 करोड़ ग्लव्स की व्यवस्था आयोग ने की। इसके साथ मानवीय संपर्क कम से कम हो, इसके लिए आयोग ने अलग से व्यवस्था की। सुनील अरोड़ा ने बताया कि कोरोना मरीज, कोरोना के संदिग्ध मरीज और क्वारंटाइन में रह रहे मरीज आखिरी घंटे में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
मतदान का समय एक घंटे बढ़ाया गया
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना काल में बिहार में सबसे बड़ा चुनाव हो रहा है। राज्य में 243 सीटें हैं। सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना के कारण इस बार एक पोलिंग स्टेशन पर 1500 की जगह 1000 मतदाता रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस बार 7.29 करोड़ मतदाता बिहार विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें से 3 करोड़ 39 लाख महिला वोटर हैं। मतदाताओं को भी मास्क लगाना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि मतदान के समय में भी बढ़ोतरी की गई है। इस चुनाव में सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान होगा। आम तौर पर सात बजे से लेकर 5 बजे तक मतदान होता है।
सोशल मीडिया पर भी आयोग की नजर
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि बदलते दौर में सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल एक चुनौती है। इस पर हमने विशेष व्यवस्था की है। सोशल मीडिया पर गलत सूचना या सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। साथ ही हमने राजनीतिक दलों से भी अपील की है कि वे अपने प्रतिनिधियों से फेक न्यूज और गलत जानकारी फैलाने से मना करें। ऐसा करने वालों के खिलाफ आयोग सख्ती से निपटेगा।
2015 चुनाव पर एक नजर
15 चुनाव पर एक नजर2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 24.42 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे और पार्टी को 53 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं जदयू 16.83 प्रतिशत वोट के साथ 71 और राजद 18.35 प्रतिशत वोट के साथ 80 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। कांग्रेस को 27,लोजपा को 2 और रालोसपा को 2 सीटें मिली थी। 2015 चुनाव में राजद सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी। बीते चुनाव में महागठबंधन में जदयू,राजद और कांग्रेस जैसी पार्टियां शामिल थी। वहीं एनडीए के खेमे में भाजपा, लोजपा और जीतन राम मांझी शामिल थे। हालांकि इस बार गठबंधन की स्थिति पिचले चुनाव से बिल्कुल अलग है।