बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2020 करीब आ रहा है। वैसे-वैसे ही कोरोना वायरस भी प्रभावी होता जा रहा है। सूबे के सियासी गलियारों में भी कोरोना विस्फोट होने की आशंका है। दूसरी ओर चुनाव की तैयारी में जुटे तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर कोरोना रोकने के उपायों पर सवाल उठाया है।
सूबे में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। संक्रमितों की संख्या 12 हजार के पार पहुंच गई है। संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है। तेजस्वी ने मंगलवार को ट्वीट के जरिए कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण अप्रत्याशित रूप से बढ़ चुका है। सरकार को कहीं कोई चिंता नहीं। न जांच की, न इलाज की। पूरा मंत्रिमंडल, प्रशासन और सरकार बिहार चुनाव 2020 तैयारियों में व्यस्त है।
बिहार में कोरोना संक्रमण अप्रत्याशित रूप से बढ़ चुका है। सरकार को कहीं कोई चिंता नहीं। ना जाँच की, ना इलाज की। पूरा मंत्रिमंडल, प्रशासन और सरकार चुनावी तैयारियों में व्यस्त है। सरकार आँकड़े छिपा रही है। अगर सरकार नहीं संभली तो अगस्त-सितंबर तक स्थिति और विस्फोटक हो सकती है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 7, 2020
सरकार आंकड़े छिपा रही है। अगर सरकार नहीं संभली तो अगस्त-सितंबर तक स्थिति और विस्फोटक हो सकती है। सूबे में कोरोना का संक्रमण अनलॉक- 2 में तेजी से फैल रहा है। 1 जुलाई को संक्रमित लोगों की संख्या 9988 थी जो सात जुलाई को बढ़कर 12140 हो गई है। सात दिन में 2152 लोगों की रिपोर्ट संक्रमित आई है।
बिहार चुनाव 2020 से पहले सीएम के घर में भी कोरोना
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के घर में भी कोरोना दाखिल हो गया हैै। सरकारी आवास में सीएम नीतीश कुमार के साथ रहने वाली भतीजी कोरोना संक्रमित मिली हैं। जिसके बाद घर के सभी सदस्यों को होम क्वारैंटाइन करके टेस्ट किया जा रहा है।
जदयू के एमएलसी गुलाम गौस और उनकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव हो गई हैं। इससे पहले 4 जुलाई को विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। इसके बाद गुलाम गौस, उनकी पत्नी का सैंपल लिया गया था। कार्यकारी सभापति ने हाल ही में एक जुलाई को 9 एमएलसी को शपथ दिलाई थी।
जिन एमएलसी को शपथ दिलाई गई थी, उनमें ज्यादातर का सैंपल लिया गया था। अभी सभी की रिपोर्ट नहीं आई है। अगर इन रिपोर्ट में कई और नेता कोरोना संक्रमित पाए गए तो बिहार के सियासी गलियारों में कोरोना पूरी तरह से अपनी पैठ जमा लेगा। विधानसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से बिहार में नेताओं का एक-दूसरे से मिलना, साथ बैठना तेजी से जारी है। इन सभी बातों को देखकर लगता है कि बिहार के सियासी गलियारों में कोरोना वायरस कोई भी गलत परिणाम दे सकता है।