सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के महज 9 वर्षों में देश-दुनिया में अपना परचम लहरा दिया है। बीएयू की फिल्मों को प्रसार शिक्षा के क्षेत्र में दुनियाभर के देशों के लोगों द्वारा करीब सवा दो करोड़ बार देखा गया। इस उपलब्धि के लिए यू ट्यूब ने गत वर्ष क्रियेटर अवार्ड से इस विश्वविद्यालय को सम्मानित किया। अब केन्द्र सरकार ने इसी काम के लिए बीएयू को ई गवर्नेंस के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन किया है।
बता दें, केन्द्र का यह राष्ट्रीय पुरस्कार विश्वविद्यालय को जन-केंद्रित ई-गवर्नेंस सेवाओं के लिए मिलेगा। देशभर के विभिन्न सरकारी संस्थाओं और विभागों के ई-गवर्नेंस के माध्यम से किये गए कार्यों की जांच के बाद केन्द्र ने बिहार के इस विश्वविद्यालय को चयनित किया है। विश्वविद्यालय को यह पुरस्कार 7 से 8 फरवरी के दौरान मुम्बई में होने वाले राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह के साथ महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और देशभर के एक हजार से अधिक टेक्नोक्रेट्स शामिल होंगे। विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति डा. अजय कुमार सिंह, प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आर के सोहने, सहायक प्राध्यापक डॉ राघवन और मीडिया सेंटर प्रभारी ईश्वर चंद्र ‘राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस अवार्ड’ को ग्रहण करेंगे।
बीएयू में रोजना 100 से अधिक किसान लेते हैं ट्रेनिंग
बिहार कृषि विश्वविद्यालय में प्रसार शिक्षा निदेशालय के तहत संचालित मीडिया सेंटर से किसानों को ई-गवर्नेंस के माध्यम से सेवा दी जाती है। इस योजना के तहत जिले के 20 कृषि विज्ञान केंद्रों से नियमित रूप से प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सौ से अधिक किसानों को विश्वविद्यालय मुख्यालय से ट्रेनिंग मिलती हैं। इस दौरान किसान खेतों में चल रही गतिविधियों का सीधा प्रसारण देखते हैं।
विश्वभर में देखी जाती है बीएयू की फिल्म
निदेशालय से बनी फिल्मों को पूरी दुनिया में देखी जाती है। अभी तक करीब सवा दो करोड़ बार इन फिल्मों को देखा जा चुका है। दो लाख 32 हजार लोग सब्सक्राईबर हैं। वीडियो को देखकर कई देशों के किसान सवाल भी करते हैं जिसका जवाब वैज्ञानिकोम द्वारा ऑनलाइन दिया जाता है। इस वीडियो को व्हाट्सएप के माध्यम से भी किसानों को भेजा जाता है। जिन किसानों तक इंटरनेट की पहुच नहीं है, उन्हें माइक्रो एस डी कार्ड में डाल कर इन फिल्मों को दे दिया जाता है। केन्द्र सरकार ने सुबौर स्थित इस विश्वविद्यालय के इन्हीं गतिविधियों को देखते हुए इस क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार इस महाविद्यालय को देने की घोषणा की है।