कोरोना संकट से जूझ रहे बिहार राज्य को केंद्र की सरकार ने बड़ी राहत दी है। बीते शुक्रवार को केंद्र सरकार ने इस आपदा से निपटने के लिए बिहार को सहायता स्वरुप राशि जारी कर दी। अब तक आपदा मद की राशि राज्यों को वित्तीय वर्ष शुरू होने के दो या तीन महीने बीतने के बाद ही मिला करती थी। शायद यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार ने राशि वित्तीय वर्ष शुरू होने के तीसरे दिन ही जारी कर दी।
राशि आरबीआई के खाते में जाएगी। बिहार सरकार पैसा खर्च करने के बाद एजी को उसकी रिपोर्ट देगी। उसके बाद आरबीआई से खर्च की गई राशि का समायोजन हो सकेगा। राज्य को इस आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ के तहत 708 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी हैं।
मुख्यमंत्री ने हर वर्ग को राहत पहुंचाई
आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनकी कथनी और करनी एक है। वह कहते रहे हैं कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का सबसे पहला हक है। इस बार भी कोरोना महामारी का संकट सामने आते ही सबसे पहले मुख्यमंत्री ने राहत पैकेजों का ऐलान किया।
बिहार सरकार ने की एक हजार रुपये भेजने का ऐलान
राशनकार्डधारियों को मुफ्त, दाल और उनके खाते में एक- एक हजार रुपये भेजने का ऐलान कर दिया। इनसे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को संकट का सामना करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। राय ने कहा है कि राशनकार्डधारियों के खाते में एक-एक हजार रुपये भेजने की शुरुआत खुद मुख्यमंत्री ने गुरुवार को की। साथ ही बाहर फंसे बिहारियों के खाते में भी एक- एक हजार रुपये भेजने का निर्देश दिया है।
सि़र्फ राशनकार्डधारियों के लिए ही नहीं सीएम ने हर तबके के लिए राहतों की घोषणा की है। कोरोना पीड़ितों के इलाज में लगे डॉक्टरों को एक माह का वेतन, छात्रों को मिड डे मील की राशि और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थी बुजुर्गों को तीन माह की अग्रिम पेंशन का प्रावधान कर मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया है कि आपदा पीड़ितों की मदद में वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
स्रोत- हिन्दुस्तान खबर