पटना। बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। सभी उर्वरक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। किसान अपनी आवश्यकतानुसार सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुए निर्धारित मूल्य पर उर्वरक खरीदें। आश्यकता से अधिक उर्वरक खरीद कर स्टाॅक करने की जरूरत नहीं है।
मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि इस खरीफ मौसम में अगस्त माह तक 7,60,000 तक मैट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता के विरूद्ध 9,76,250 मैट्रिक टन यूरिया आवंटित किया गया है। अभी तक 7,60,653 मैट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की गई है जो आवश्यकता से अधिक है। अबतक 2,50,000 डीएपी की आवश्यकता के विरूद्ध 5,26,670 मैट्रिक टन डीएपी आवंटित किया गया एवं अबतक 2,88,141 मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की गई। जो आवश्यकता से अधिक है।
आवश्यकता से अधिक उर्वरक : प्रेम कुमार
अबतक राज्य में 1,40,000 मैट्रिक टन एनपीके एवं 95,000 मैट्रिक टन एमओपी की आवश्यकता है। इसके विरूद्ध क्रमशः 2,01,700 मैट्रिक टन एनपीके तथा 1,56,100 मैट्रिक टन एमओपी आवंटित है। जो आवश्यकता से अधिक है। उन्होंने कहा कि अभीतक राज्य में 1,56,668 मैट्रिक टन एनपीके तथा 90,785 मैट्रिक टन एमओपी आपूर्ति की गई है। खरीफ मौसम में किसी भी उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
कृषि मंत्री प्रेम कुमार निर्देश दिया कि उर्वरक के साथ खुदरा बिक्रेता को कुछ अन्य न्यूट्रियेन्ट बेचने के लिए कहा जाता है। इस पर रोक लगायें, जिला स्तर पर गठित जिला उर्वरक निगरानी समिति द्वारा विभिन्न उर्वरकों की उपलब्धता, कालाबाजारी, तस्करी पर नियंत्रण एवं अनुश्रवण किया जाता है।
अभीतक विभागीय अधिकारियों द्वारा राज्य में 1300 उर्वरक के दुकानों पर छापामारी की गई है जिनमें से 435 में अनियमितता पाई गई। अनियमितता करने वाले चार उर्वरक दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गई है,एक उर्वरक दुकानदार की अनुज्ञप्ति रद्द की गई। साथ ही अभी तक 318 उर्वरक दुकानदारों की अनुज्ञप्ति निलंबित कर शेष 217 उर्वरक दुकानदारों से स्पष्टीकरण पूछा गया है।