पटना। बिहार में 1860 नये कोरोना संक्रमण के मरीज मिलने के साथ प्रदेश में कोविड 19 के सक्रिय मामलों की कुल संख्या 21,431 पहुंच गई। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, पटना में 296, भागलपुर में 128, बेगूसराय में 123 और मुजफ्फरपुर में 103 नए कोरोनावायरस संक्रमित मिले।
इसके अलावा गया में 97, मधुबनी में 95, अररिया में 84, पूर्णिया में 75, ईस्ट चंपारण में 70, औरंगाबाद में 67, कटिहार में 65, सुपौल में 61, गोपालगंज में 58 और रोहतास में 54 मामले सामने आए। इनके अलावा अरवल में 5, बांका में 10, भोजपुर में 29, बक्सर में 26, दरभंगा में 21, जमुई में 18, जहानाबाद में 19, कैमूर में 13, खगड़िया में तीन, किशनगंज में 24, लखीसराय में 20, मधेपुरा में 31, मुंगेर में 7, नालंदा में 30, नवादा में 15, सहरसा में 19, समस्तीपुर में 31,सारण में 37, शेखपुरा में 11, शिवहर में 19, सीतामढ़ी में 27, सिवान में 9, वैशाली में 24 और वेस्ट चंपारण में 30 नये मरीज मिले।
कोरोना पर हाईकोर्ट में बिहार सरकार का जवाब
गौरतलब है कि गुरुवार को पटना हाईकोर्ट कोरोना महामारी से उत्पन्न गंभीर समस्या पर राज्य सरकार ने जवाब दाखिल किया। इससे कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और मामले की सुनवाई के लिए आठ सितंबर का दिन तय करते हुए राज्य सरकार से फिर जवाब मांगा। बता दें कि दिनेश कुमार सिंह एवं अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायधीश संजय कुमार की दो सदस्यीय खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई कीफ खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं है।
याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता रितिका रानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार अस्पतालों में सीसीटीवी लगाए जाने थे,ताकि परिवार वाले अपने मरीज को देख सकें, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आबादी 12 करोड़ 77 लाख है,लेकिन 25 लाख लोगों की आरटी (पीसीआर) मशीन से कोरोना की जांच कर पाई है। पूरे राज्य में ऐेसी केवल नौ मशीनें ही हैं। इस तरह केवल दो फीसद लोगों की ही कोविड टेस्ट हो पाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना टेस्ट के बारे में सही जानकारी नहीं दे रही है। राज्य सरकार ने एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम भी नहीं बनाई है जो जिलों में जाकर सही जांच कर सके।