कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एहतियात के रूप में बिहार सरकार ने रविवार को एक बड़ा आदेश जारी किया। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय के तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को रोटेशन में एक दिन छोड़कर काम पर बुलाने का आदेश दिया है। इस बीच राज्य के दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से कोरोना के दो संदिग्ध मरीज भाग गए हैं। राज्य से लगी भारत-नेपाल सीमा भी सील कर दी गई है।
सरकारी विभागों में रोटेशन का आदेश
मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को छोड़ सभी सरकारी विभागों के प्रमुखों को आदेश जारी कर तृतीय चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को एक दिन के अंतराल पर ऑफिस बुलाने के लिए कहा है। सरकार का यह आदेश बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कोरोना संक्रमण से बचाव को ले हुई हाई लेवल बैठक के बाद से संभावित था।
हाई लेवल मीटिंग में लिए गए थे ये फैसले
विदित हो कि उक्त हाई लेवल बैठक में राज्य के सभी सरकारी व निजी स्कूल-कॉलेज व कोचिंग संस्थानों को 31 मार्च तक बंद रखने का फैसला किया गया था। साथ ही सभी सार्वजनिक हॉल, पार्क व चिडि़याघर आदि भी बंद कर दिए गए। सरकार ने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी। बैठक में सरकारी कार्यालय के सरकारी कर्मचारियों को रोटेशन पर बुलाने पर भी विचार किया गया था। इसके बाद से रोटेशन पर फैसले की संभावना बन गई थी।
बिहार से लगी नेपाल सीमा सील
एहतियाती उपायों के तहत देश में चार पड़ोसी देशों से लगी सीमाएं सील कर दी गई हैं। बिहार की बात करें तो आज से नेपाल की सीमा से सामान्य आवागमन बंद कर दिया गया है। बिहार के रक्सौल स्थित सीमा पर बने चेक प्वाइन्ट से आवाजाही रोक दी गई है।
इस बीच अब तक बिहार में कोरोना के 142 संदिग्ध मरीज मिले हैं, जिनमें से अधिकांश को आइसोलेशन में रखने के बाद छुट्टी दे दी गई है। हालांकि, दरभंगा में दो संदिग्ध मरीजों के भाग जाने की खबर से हड़कम्प मच गया है। दोनों डीएमसीएच में जांच के लिए पहुंचे थे। वहां संदिग्ध पाए जाने के बाद जब उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखने की प्रक्रिया चल ही रही थी कि मौका देखकर वे फरार हो गए।
कोरोना वायरस का कहर: बिहार में 31 मार्च तक सभी स्कूल कॉलेज बंद