वित्तरहित कॉलेजों के 8000 शिक्षकों और 9000 शिक्षकेतर कर्मियों को पूरे 9 साल बाद मार्च 2020 में अनुदान की राशि मिलेगा। विदित हो कि इस साल दस फरवरी को होली है। ऐसे में बिहार सरकार ने फैसला किया है कि होली के पहले अनुदान कॉलेजों को आवंटित किया जाए। कॉलेजों को अनुदान देने लगभग सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है। यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि इस प्रक्रिया को लेकर विभाग की तैयारी अंतिम चरण में है।
बता दें कि अब तक विभिन्न विश्वविद्यालयों से मिली रिपोर्ट और वित्तरहित कॉलेजों के कागजात की जांच के बाद लगभग 200 कॉलेजों की सूची तैयार की गई है। लंबसंब 2 दर्जन ऐसे कॉलेज हैं, जिन्होंने कई मौके देने के बाद भी कागजात में सुधार नहीं कराया। इसका परिणाम यह होगा कि ऐसे कॉलेजों को अनुदान की राशि नहीं मिलेगी। राज्य में 227 वित्त रहित कॉलेज हैं। अगर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी की मानें तो मार्च के प्रथम सप्ताह से अनुदान की राशि भेजने की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी।
स्नातक के रिजल्ट के अनुसार तय की गयी है अनुदान
गौरतलब है कि यह अनुदान स्नातक परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर देने का प्रावधान किया गया है। ग्रेजुएशन में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण प्रत्येक छात्र-छात्रा के लिए 8500, द्वितीय श्रेणी के लिए 8000 और तृतीय श्रेणी के लिए 7500 रुपए की दर से राशि देने का प्रावधान है।
वित्तरहित कॉलेजों को कुल 624 करोड़ रु। मिलेंगे
गौरतलब है कि 2009-12 सत्र और इसके बाद की अनुदान वित्त रहित कॉलेजों का बकाया है। सरकार ने इन वित्त रहित कॉलेजों को अनुदान मद में 500 करोड़ रुपए की राशि देने का प्रावधान किया है। इसके पहले सरकार ने 2011 में सत्र 2008-2011 के लिए भेजी गई राशि में 124 करोड़ की राशि बची हुई है। यानी वित्त रहित कॉलेजों को अनुदान देने के लिए सरकार के पास कुल 624 करोड़ की राशि है।