बिहार लोकसेवा आयोग की 65वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (PT Exam) की जब ‘आंसर-की’ जारी की गयी तो छात्रों ने कुल 18 प्रश्नों के आंसर-की को लेकर आपत्ति जतायी। आंसर-की पर आपत्ति की खबर जब आयोग को मिली तो मंगलवार को BPSC के विषय विशेषज्ञों की कमेटी ने एक बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान इस बात को रखा गया कि छात्रों ने कुल 18 प्रश्नों के जवाब पर आपत्ति दर्ज की है। अब आयोग के विषय विशेषज्ञों ने उनमें से दस प्रश्नों को रद करने का फैसला किया है।
जहां एक और आयोग से संबंधित सूत्रों ने बताया कि BPSC ने फैसला किया है कि इस बार वे सभी प्रश्न रद्द किये जाएंगे जिसे लेकर थोड़ी भी दुविधा है। उसने कहा कि ऐसे 10 प्रश्न रद्द हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर इग्जाम कंट्रोलर अमरेंद्र कुमार ने बताया कि इस संबंध में उन्हें अब तक इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। उनका कहना था कि विशेषज्ञों की टीम जो रिपोर्ट देती है, उसी के आधार पर फाइनल आंसर-की तैयार कर रिजल्ट जारी किया जाता है। अभी प्रश्नों के सही औरक गलत होने की संख्या को लेकर कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी।
मुख्य परीक्षा फरवरी में
सूत्रों की मानें तो 65वीं प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट दिसंबर दूसरे या तीसरे सप्ताह तक घोषित किये जाने की संभावना है। इस बार सामान्य श्रेणी का कटऑफ 100 से अधिक हो सकता है। 422 पदों के लिए मुख्य परीक्षा के आवेदन की प्रक्रिया जनवरी में आयोग द्वारा प्रारंभ किया जाएगा। मुख्य परीक्षा फरवरी में हो सकती है।
एनसीईआरटी की पुस्तकें मान्य नहीं
विषय के ज्ञाता का कहना है कि कई प्रकार की असंतुष्टी देखने को मिली है। दो पुस्तकों में अलग-अलग जानकारी दी गई हैं। जो छात्रों की मुश्किलें बढ़ा देता है। विशेषज्ञ का कहना है कि ऐसी स्थिति में लेखक की विश्वसनीयता व प्रामाणिकता को प्राथमिकता मिलती चाहिए। लोकसेवा आयोग 2019 की परीक्षा में दांडी मार्च के विकल्प को लेकर काफी मंथन हुआ। सरकारी टेक्स्टबुक और प्रख्यात इतिहासकार बिपिन चंद्र की पुस्तक में मार्च के स्थान को लेकर अंतर है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व फैकल्टी प्रो। एमपी शर्मा का कहना है कि दो पुस्तकों की जानकारी में अंतर सिविल सेवा के अभ्यर्थियों के लिए हमेशा से परेशानी खड़ी करती रही है। छात्र-छात्राओं तैयारी के दौरान इस बात के लिए खुद को सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस क्षेत्र के प्रख्यात लेखक की पुस्तकों में दी गई जानकारी को ही वे आधार बनाएंगें।