बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ अपने स्थापना दिवस 21 जनवरी को पूरे राज्य में संकल्प दिवस के रूप में मनाने जा रही है। यह जानकारी देते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि संघ के अध्यक्ष सह विधानपार्षद केदारनाथ पांडेय की अध्यक्षता में हुई सचिवमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान
संघ के महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि बैठक में यह फैसला लिया गया कि बिहार सरकार 15 जनवरी तक बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की मांगों पर फैसला व वार्ता कर सम्मानजनक समझौता नहीं करती है तो विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान राज्यव्यापी तीव्रतर आन्दोलन प्रारंभ किया जायेगा तथा इस बीच सभी गैर शैक्षणिक एवं शैक्षणिक कार्य भी बाधित होंगे। जिसकी सारी जबाबदेही सरकार की होगी।
संघ के अध्यक्ष सह विधानपार्षद केदारनाथ पांडेय कहा कि बिहार सरकार के द्वारा लगातार नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध असम्मानजनक एवं विषमतामूलक शोषण नीति बदस्तूर जारी है। सरकार ने लगभग 13 वर्षों से नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति, भविष्य निधि, पेंशन एवं वेतन विसंगति दूर करने में विफल रही है। सबसे अन्यायपूर्ण स्थिति यह है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने के निर्णय को भी लागू करने से अभी तक इन्कार व अवहेलना कर रही है जबकि इस संबंध में मुख्य सचिव बिहार तथा केंद्र सरकार का स्पष्ट निर्देश निर्गत है।
सरकार की विफलता शिक्षकों के माथे
प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि बैठक में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने मांग की है कि दमनात्मक कार्रवाई से बाज आए। उन्होंने कहा कि इन दिनों प्राय: देखा जा रहा है कि सरकार अपनी विपफलताओं को शिक्षकों के माथे डालकर और बिना कारण वेतन स्थगित करना, शिक्षकों का निलंबन एवं प्रताड़ित करने की घटनाऐं घट रही है। समस्तीपुर जिले के 38 प्रधनाध्यापकों का वेतन स्थगित करना मानवाधिकार का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह बक्सर के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षकों के साथ र्दुव्यवहार तथा प्रधनाध्यापक सहित कई शिक्षकों का निलंबन का बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ विरोध करता है तथा अविलंब एकतरफा लिये गए इस निर्णय को वापस लेने की मांग करता है।