Home त्योहार और संस्कृति पटना लिटरेचर फेस्टिवल 1-2-3 फ़रवरी को, 80 से ज्यादा साहित्यकारों का जुटान

पटना लिटरेचर फेस्टिवल 1-2-3 फ़रवरी को, 80 से ज्यादा साहित्यकारों का जुटान

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राजधानी पटना के ज्ञान भवन में 1 से 3 फ़रवरी तक पटना लिटरेचर फेस्टिवल 2019 का आयोजन किया जा रहा है। इस फेस्टिवल में कला, साहित्य और मीडिया जगत के दर्जन भर से ज्यादा दिग्गज के शामिल होने की संभावना है। साहित्य उत्सव के अंतर्गत इन तीन दिनों में लगभग 34 सत्र आयोजित किये जाने हैं। शनिवार 2 फ़रवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा इस साहित्य उत्सव का औपचरिक उद्घाटन किया जायेगा। पहले दिन शुक्रवार को कुल 9 सत्र का आयोजन होगा। आयोजन के शुरुआत में दिवंगत साहित्यकारों को श्रद्धांजली के लिए 1 सत्र का आयोजन किया जायेगा।

लेखकों को लम्बे समय से था इंतजार

लम्बे समय के बाद आयोजित हो रहे इस साहित्य उत्सव का साहित्य प्रेमियों को लम्बे समय का इन्तजार करना पड़ा। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और नवरस स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के द्वारा, दैनिक जागरण के सहयोग से आयोजित हो रहे इस साहित्य के कुम्भ में देश भर से 80 से ज्यादा साहित्यकार शिरकत कर रहे हैं। पुरे आयोजन में कुल 34 सत्र होंगे। इसके अलावा 2 सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाना है।

Patna Literature Festival 2019

आयोजन में प्रसिद्ध लेखक नरेंद्र कोहली, उषाकिरण खान, मैत्रयी पुष्पा, पवन वर्मा, अश्वनी कुमार, आलोक धन्वा, गगन गिल, हृषिकेश सुलभ, केकी दारूवाला, यतींद्र मिश्र, वंदना राग, अनामिका, महुआ माझी आदि भाग लेंगे। पटना लिटरेचर फेस्टिवल देश भर के साहित्य, कला, संस्कृति, मीडिया और अधिक से अधिक साहित्यकारों और विचारकों को एक साथ एक मंच पर लाने का दैनिक जागरण का एक प्रयास है।

पटना लिटरेचर फेस्टिवल का हर सत्र होगा ख़ास

वैसे तो इस साहित्य कुम्भ का हर सत्र ख़ास होने वाला है। परन्तु कुछ सत्र को लेकर साहित्य प्रेमियों में अभी से उत्साह है। उदाहरण के लिए शनिवार को ‘लेखक-पात्र’ संबंध पर आयोजित होने वाला सत्र ‘वो मुझसे बातें करता है’, इनमे प्रमुख है। इस सत्र में रत्नेश्वर सिंह, वंदना राग और पंकज दुबे जैसे साहित्यकार शामिल होंगे। एक और सत्र ‘टूटे जो तारा तो जमीन पर नही गिरता’ में असीम छाबड़ा, मैथिली राव, गौतम चिंतामणि और विनोद अनुपम शामिल होंगे।

शनिवार के दिन ‘विश्व सहित्य में हिंदी’ पर चर्चा होगी, इस सत्र में नरेन्द्र कोहली, अनंत विजय, सुरेश रितुपुर्ण, डॉ. मोहनकांत गौतम जैसे साहित्यकार चर्चा करेंगे। रविवार का दिन भी पटना लिटरेचर फेस्टिवल के लिए ख़ास होगा। रविवार को दोपहर में ‘शहर भी एक कहानी कहता है’ सत्र का आयोजन किया जायेगा जिसमे विकास कुमार झा, अवधेश प्रीत, प्रत्यूष गुलेरी और अरुण सिंह जैसे साहित्यकार के उपस्थित रहेने की संभावना है।

साहित्य उत्सव में आपका स्वागत है

पटना लिटरेचर फेस्टिवल में सभी साहित्य प्रेमियों के लिए किसी तरह के पास या एंट्री की जरुरत नही है। अगर आप साहित्य में रूचि रखते हैं तो यह कार्यक्रम आपके लिए है। बिना बाध्यता के आप इसमें भाग ले सकते है और अपने मनपसंद सत्र का हिस्सा बनकर लुफ्त उठा सकते हैं। पटना लिटरेचर फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य बिहार राज्य की युवा पीढ़ी को भाषा और साहित्य के क्षेत्र में पढ़ने, लिखने और भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में प्रेरित करना है। साथ ही स्थानीय, भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय लेखकों और बिहार के युवाओं के बीच बातचीत के लिए एक अनौपचारिक स्थान बनाना महत्वपूर्ण उद्देश्य है।

ध्यान रखने योग्य कुछ बातें

  • ज्ञान भवन में 1-3 फ़रवरी तक इसका आयोजन किया जाना है।
  • कुल 2 सांस्कृतिक संध्या का आयोजन, शुक्रवार और शनिवार को किया जायेगा।
  • लगभग 8 भाषओं के साहित्यकार इसमें मंच साझा करेंगे।
  • इस 3 दिवसीय कार्यक्रम में 34 सत्र का आयोजन किया जायेगा।
  • सुबह 10 बजे से हो सकते हैं शामिल।
  • देशभर के 85 लेखकों का होगा जुटान।

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