बौद्ध रचनाओं में वर्णित 16 महाजनपदों एवं दस गणराज्यों में से तीन महाजनपद “अंग, मगध और लिच्छवि” बिहार में स्तिथ थी।
अंग राज्य से सम्बंधित कुछ तथ्य
अंग राज्य करीब-2 वर्तमान मुंगेर और भागलपुर जिलों के आसपास फैली थी। इसकी राजधानी चम्पा थी। वर्त्तमान में चंपा , चम्पानगर के नाम से जानी जाती है।
भागलपुर प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के कारण भी जानी जाती है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना पल वंश के शासक धर्मपाल ने की थी। इस विश्विद्यालय के अवशेष अंतीचक गांव के आसपास फैली हुई है। यह निकट के ग्रामीणों के विरोध के कारण पूर्ण खुदाई नहीं हो सकीं है।
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मगध राज्य से सम्बंधित कुछ तथ्य
वर्त्तमान गया, नालंदा और पटना के क्षेत्र मगध महाजनपद के भाग थे। इसकी राजधानी गिरिव्रज या राजगृह थी। वर्तमान में इसे हम राजगीर के नाम से जानते है। नालंदा और गया जिले बौद्ध एवं जैन धर्म की वजह से वर्तमान में भी प्रसिद्द है।
जिले में स्तिथ पावापुरी भगवन महावीर से सम्बंधित है। महावीर, जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर थे। पावापुरी में उन्होंने अंतिम उपदेश दी थी
मगध राज्य का आरंभिक उल्लेख महाभारत में मिलती है। पाटलिपुत्र वर्तमान पटना/अजीमाबाद का इलाका था। इसकी स्थापना पंछी सदी इसा पूर्व में अजातशत्रु द्वारा की गई थी।
मगध साम्राज्य का इतिहास
सम्राट बिम्बिसार, एक कुशल कूटनीतिज्ञ
मगध के राजा बिम्बिसार मात्र 15 वर्ष की आयु में गद्दी पर विराजमान हुए। इन्होंने मगध पर 50 वर्षो से अधिक समय तक शासन किया। इन्होंने मगध पर 50 वर्षो से अधिक समय तक शासन किया। इन्होंने वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित कर साम्राज्य दूर दूर फैला दिया इनकी पहली पत्नी कोशलादेवी (कोशल की राजकुमारी), दूसरी पत्नी चेल्लना (वैशाली के लिच्छवि राजवंश से) और तीसरी पत्नी मद्र राजकुमारी थी। कुछ राज्यों (जैसे अंग) पर चढ़ाई कर इन्होंने अपने राज्य का विस्तार किया था ।
लिच्छवि गणराज्य राज्य से सम्बंधित कुछ तथ्य
लिच्छवि मूलतः एक गणराज्य थी। लेकिन भूलवश इसे महाजनपद मान लिया जाता है। यह राज्य वर्तमान वैशाली के आसपास के पास स्थित थी। लिच्छवि नामक जाति ईसा पूर्व छठी सदी में वैशाली में निवास करती थी। लिच्छ नामक महापुरुष के वंशज होने के करण इनका नाम लिच्छवि पड़ा अथवा किसी प्रकार के चिह्न (लिक्ष) धारण करने के कारण ये इस नाम से प्रसिद्ध हुए।
बिहार सामान्य ज्ञान भाग 2 , क्रमशः………….
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