बिहार (Bihar) में बीते गुरुवार को कोरोना (Corona) संक्रमण के 11 नए सैंपल पॉजिटिव (Positive) पाए गए। इनमें अकेले मुंगेर से 9 और 2 के दो लोगों में संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी हैं। मुंगेर के 9 संक्रमित लोग एक ही परिवार के हैं। इसमें छह माह और दो साल की बच्ची में भी कोरोना संक्रमण (Coronavirus Positive) पाया गया है। बिहार में बच्चों के संक्रमित होने का यह पहला मामला है। राज्य में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या (Total Update) अब 83 हो गई है। उल्लेखनीय है कि इनमें अब तक 37 लोग कोरोना वायरस को परास्त कर घर भी लौट चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को मुंगेर जिले के जमालपुर के सदर बाजार मोहल्ले के एक 60 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वह नालंदा की शेखाना मस्जिद में आयोजित ‘जोड़’ में शामिल हुआ था। इसके संपर्क में आए परिवार के नौ और लोगों की रिपोर्ट गुरुवार को पॉजिटिव आई है। इससे पहले बुधवार को राज्य में कोरोना के छह नए मामले मिले थे। जिसमें नालंदा से तीन, मुंगेर, पटना और वैशाली से एक-एक मामले थे।
वैशाली के संक्रमित व्यक्ति ने बढ़ाई सरकार की परेशानी
वैशाली जिले में पहली बार मिले कोरोना के संक्रमित ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। वैशाली के राघोपुर निवासी इस व्यक्ति की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं। सरकार इस केस की तह तक पहुंचने के लिए दो अलग-अलग बिंदुओं पर काम कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में बुधवार तक कुल 11 जिलों में कोरोना का प्रभाव था। वैशाली में पहली बार कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पुष्टि हुई है। एक केस मिलने के साथ ही जहां राज्य में कोरोना प्रभावित जिलों की संख्या 12 हो गई है। वहीं सरकार ने यह जानने की कोशिश शुरू कर दी है कि इस व्यक्ति में कोरोना होने की वजह क्या है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार कहते हैं कि वैशाली का जो संक्रमित एम्स पटना में इलाजरत है उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं। ब्रेन टयूमर से पीड़ित यह व्यक्ति फिलहाल एम्स में इलाजरत है। उन्होंने कहा एम्स में आने के पूर्व उक्त व्यक्ति दो डायग्नोस्टिक केंद्र और दो प्राइवेट अस्पताल गया था। सरकार ने फिलहाल दोनों डायग्नोस्टिक केंद्र और प्राइवेट अस्पतालों को सील करने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही इन स्थानों पर काम करने वाले करीब 78 लोगों को क्वारंटाइन भी किया गया है।
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प्रधान सचिव ने कहा कि हम जानने का प्रयास कर रहे हैं कि पूर्व में इलाज के क्रम में यह व्यक्ति जहां-जहां गया कहीं उसी क्रम में तो यह कोरोना के संक्रमण का शिकार तो नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग यह जानने का प्रयास भी कर रहा है कि कहीं यह व्यक्ति सिवियर एक्यूट रेस्परेटरी इलनेस का शिकार तो नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, तमाम पहलू पर हमारी नजर है जल्द ही हम किसी नतीजे पर पहुंच जाएंगे।
Bihar Corona Discharge Update
दूसरी तरफ बिहार राज्य के लिए एक अच्छी खबर भी है। कोरोना अस्पताल घोषित किये गए एनएमसीएच से गुरुवार को एक साथ आठ कोरोना पॉजिटिव मरीज को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिए गया। इनमे छह सिवान के एक ही परिवार के सदस्य हैं, वहीं एक गया और एक गोपालगंज के निवासी हैं।
अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि डिस्चार्ज होने वालों में गोपालगंज निवासी 25 वर्षीय रोहित कुमार 30 मार्च को भर्ती हुआ था। गया निवासी 20 वर्षीया डिंपल कुमारी दो अप्रैल को भर्ती हुई थी। सिवान के रघुनाथपुर स्थित पंजीपुर निवासी 20 वर्षीय गुड्डू सिद्दीकी आठ अप्रैल को भर्ती हुआ था। इसी परिवार की 22 वर्षीया रजिया खातून, 45 वर्षीया अनीसा खातून आठ अप्रैल को, 25 वर्षीया रेहाना खातून, 50 वर्षीया शीबा खातून नौ अप्रैल को एवं 60 वर्षीय मोहम्मद अतहर हुसैन 11 अप्रैल को भर्ती हुए थे। नोडल पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने सभी लोगों को घर में आइसोलेट होने को कहा है। इसके लिए आवश्यक सावधानियों से अवगत कराया गया है।