बिहार में अब टिड्डियों का आतंक होने वाला है। सीवान में टिड्डियों ने दस्तक दे दी है। इससे किसानों में फसलों को लेकर डर भर गया है। ये टिड्डियां सीवान से लगे हुए उत्तर प्रदेश की सीमा से आई हैं। इसके कारण ये उत्तर प्रदेश से लगे सीमा के प्रखंड दरौली, रघुनाथपुर, और आंदर के देखी गई हैं। जिसकी जानकारी कृषि विभाग को दे दी गई है। ऐसे में गांव के लोगों को स्थानीय पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया है। पदाधिकारियों ने किसानों के फसलों के संरक्षण के लिए आवश्यक किट्नाशकों के छिड़काव की बात कही है। इसके अलावा स्थानीय किसानों को बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं। किसानों को मोबाइल पर जानकारी दी जा रही है।
टिड्डियों बचाव के उपाय
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सरकार ने इससे बचाव के लिए उपाय जारी किए हैं:-
- ढोल, नगाड़ों, टीन के डिब्बों, थालियों आदि बजाकर शोर मचायें। शोर से टिड्डी दल आस-पास के खेतों में आक्रमण नहीं करते हैं।
- कृषि रक्षा रसायनों, स्प्रेयर्स एवं ट्रैक्टर्स आदि की व्यवस्था कर ली जाये।
- टिड्डी दल प्राय: दिन डूबने पर पेड़ पौधों पर दिन निकलने तक आश्रय लेती हैं।
- टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना कृषि विभाग के सभी स्तर के अधिकारियों को तत्काल पहुँचाया जाये।
- रसायन के छिड़काव के लिए रात्रि के 11 बजे से सुबह सूर्योदय तक होता है।
किसानों के द्वारा कीटनाशिकों के छिड़काव का तरीका:-
- लैम्बडासायहेलोथ्रीन 5 ई.सी. की 1.0 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी में।
- क्लोरपायरीफॉस 20 ई.सी. की 2.5 से 3.0 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी में।
- फिपरोनिल 5 ई.सी. की 1.0 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी में।
- डेल्टामेंथ्रीन 2.8 ई.सी. की 1.0 से 1.5 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी में।
इसके लिए प्रखंड व पंचायत स्तरों पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा है। इसको लेकर दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। इसको लेकर स्थानीय पदाधिकारियों को बता दिया गया है। लोगों को इसके संबंध में हर जानकारी दी जाएगी।