पूर्व मंत्री पूजा में शामिल होनें पहुंचे नालंदा, चूहों को दोषी बताने को लेकर चाचा पर बरसें

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लालू यादव के बड़ें पुत्र और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव शु्क्रवार को नालंदा पहुंचे और सीएम नीतीश कुमार जमकर बरसे। उन्होंने फाइलों को चूहा के कुतरने के सवाल पर नीतीश चाचा को घेरा। तेज नालंदा में हुए बखतौर पूजा में शामिल हुए। साथ ही मंच से बांसुरी बजाकर लोगों को का मनोरंजन किया। उन्हों ने नियोजित शिक्षकों के फाइलों को चूहों के कुतरने के सवाल पर कहा कि इसमें नीतीश चाचा फंस गए।

बता दें कि राजद विधायक तेजप्रताप यादव शुक्रवार को बखतौर पूजा में शामिल होने के लिए नालंदा पहुंचे थे। उन्होंयने शिक्षक नियोजन की फ़ाइलों को चूहों द्वारा कुतरने के मुद्दे पर कहा कि नीतीश चाचा बुरी तरह फंस गए हैं। उन्हों ने कहा कि इस घटना की जांच सीबीआई को करनी चाहिए। तेज प्रताप बिहार में होनेवाले 2020 विधानसभा चुनाव के सन्दर्भ में कहा कि विस चुनाव को लेकर हलचल तेज है। इसके पहले राजद नेता तेजप्रताप यादव बाबा बख्तौर की सालाना पूजा में शामिल होने हरनौत के श्यामनगर गांव पहुंचे। जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ पूजा-अर्चना की।

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विदित हो कि पटना हाईकोर्ट में एक लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों की फाइल जमा नहीं की गई है। शिक्षा हाईकोर्ट ने जब इसकी मांग की तो विभाग की ओर से कहा गया कि फाइलों को चूहों ने कुतर दिया है। इसके बाद इसे लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। गुरुवार को बिहार की पूर्व मुख्यकमंत्री राबड़ी देवी ने भी इसे लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि बिहार में 1100 करोड़ का बांध चूहे खा गए। पुलिस कस्टडी में रखी 9 लाख लीटर शराब चूहों ने पीकर ग़ायब कर दी। अस्पताल में नवजात का हाथ खा गए। और अब 40000 नियोजित शिक्षकों के फ़ोल्डर चूहे कुतर गए।‬

उनका कहना था कि ‪क्या कथित ड़बल इंजन सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का सारा दोष चूहों पर मढ़कर क्या बड़ी सुशासनी मछलियों को बचाया जा रहा है? मौजूदा सरकार में हर स्तर पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। थाना-ब्लॉक कहीं भी चले जाइए बिना रिश्वत के कुछ काम नहीं होता है। हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसा कौन सा विभाग बचा है जिसमें कोई बड़ा घोटाला नहीं हुआ है। सरेआम काग़ज़ों में और धरातल पर इनके घोटाले पकड़े जाने पर अब दोष चूहों पर मढ़ा जाने लगा है। मुख्यमंत्री ऐसे मामलों पर कुछ नहीं बोलकर अपनी ज़िम्मेवारी से कन्नी काटते रहे हैं. जनता उनकी चालें अब समझ चुकी है और नीतीश से जनता अब जवाब चाहती है।

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