सभी भारतीयों का DNA एक: संघ प्रमुख मोहन भागवत
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सेंट्रल डेस्क: चुनाव आते ही DNA भी चर्चा में आ जाता हैं। एक बार फिर DNA चर्चा में है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गाजियाबाद में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बयान दिया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से मोहन भागवत ने कहा कि सभी भारतीयों का DNA एक है, भले ही वे किसी भी धर्म के क्यों न हों।
संघ प्रमुख की मुख्य बातें:
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि चाहे कोई भी धर्म का हो, सभी का DNA एक हैं। कुछ काम ऐसे होते हैं जो राजनीति नहीं कर सकती है।
राजनीति लोगों को एकजुट करने का कार्य नहीं कर सकती हैं।
हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर जो बातें है वह भी भ्रामक हैं, क्योंकि ये दोनों भिन्न नहीं, बल्कि एक हैं। लोगों में पूजा पद्धति के आधार पर अंतर नहीं कर सकते हैं। मॉब लिंचिंग को लेकर संघ प्रमुख ने कहा कि ऐसा करने वाले लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं।
भागवत बयान के मायने अधिक मानें जा रहे है क्यूंकि यूपी से लगातार जबरन धर्मांतरण की खबरें आ रहीं हैं। योगी सरकार भी धर्मांतरण को लेकर सख्त मोड में हैं।
संघ प्रमुख ने गाजियाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार की किताब ‘वैचारिक समन्वय-एक व्यावहारिक पहल’ रिलीज की।
इस किताब में अयोध्या- बाबरी के विवाद पर डॉ. ख्वाजा ने लिखा है कि अगर नेता और बुद्धिजीवी के मध्य सही ढंग से बातचीत हुई होती तो ये विवाद पहले ही शांत हो गया होता। उन्होंने लिखा है कि अगर बातचीत से इसका समाधान निकलता तो मुसलमानों को बहुत कुछ मिल सकता था। डॉ. इफ्तिखार अयोध्या के राम मंदिर विवाद में बनाई गई अटल हिमायत कमेटी के अहम सदस्य रहे हैं।
किताब में राम जन्मभूमि विवाद का भी किस्सा है। बताया गया है कि कैसे देश के मुस्लिमों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्वीकारा।
डॉ. इफ्तिखार ने अपनी किताब में RSS को वैचारिक संगठन बताया है। लिखा है कि इसका प्रभाव काफी बड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की गई है।