Home त्योहार और संस्कृति अदब- ए-मौसिकी संगीत-साहित्य महोत्सव 21-22 सितंबर को तारामंडल में

अदब- ए-मौसिकी संगीत-साहित्य महोत्सव 21-22 सितंबर को तारामंडल में

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‘नवरस’ देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम ‘अदब- ए-मौसिकी’ का आयोजन कर रहा है। यह कार्यक्रम संगीत विषयक साहित्य, संगीतकारों के जीवन, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की घराना परंपरा और तवायफ और देवदासी परंपरा आदि को समर्पित महोत्सव है। यह कार्यक्रम 21-22 सितंबर 2019 को तारामंडल ऑडिटोरियम, पटना में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में संगीतकारों और संगीत परंपराओं से संबंधित 7 वार्ता सत्रह आयोजित होंगे। इसके अलावा उत्सव के दौरान 3 संगीत कंसर्ट भी आयोजित होंगे।

इकलौता और अनूठा कार्यक्रम

नवरस स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के सचिव डॉ अजीत प्रधान ने होटल चाणक्य में आज प्रेस वार्ता में बताया कि अदब-ए-मौसिकी भारत में अपनी तरह का इकलौता और अनूठा कार्यक्रम है। भारत में पहली बार ऐसा प्रयास हो रहा है कि संगीत साधना करने वाले कलाकार और संगीत पर लेखन करने वाले लेखक एक साझा मंच पर बैठें। संगीत के माधुर्य और संगीत लेखन की गंभीरता का यह अनोखा सम्मेलन पूरे भारत में पहली बार पटना में हो रहा है। उन्होने यह भी बताया कि आगे से यह कार्यक्रम नवरस द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाएगा।

डॉ अजीत प्रधान ने बताया कि यह महोत्सव 21 सितंबर को शाम 5.30 बजे शुरू होगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन श्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री-कानून और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, द्वारा किया जाएगा। उद्घाटन समारोह के दौरान जयपुर अतरौली घराना की वरिष्ठ गायिका विदुषी पद्मा तलवलकर को हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया जाएगा।

8 साल पहले आया ख्याल

डॉ. अजित प्रधान ने बताया कि इस कार्यक्रम का ख्याल उन्हें 8 साल पहले आया था जब किशोरी ओमनकर पटना के गांधी मैदान आयी थी और कुछ असामाजिक तत्वों के कारण कारण उन्हें स्टेज छोडना पड़ा था। उसी दौरान किशोरी जी से बात करते हुए यह बात जेहन में आई कि इस तरह का कार्यक्रम किया जाय जिसमें संगीत की मधुरता और संगीत विमर्श की गंभीरता को मिलाते हुए एक विशिष्ट आयोजन किया जाए।

कार्यक्रम के बारे में आगे जानकारी देते हुए डॉ प्रधान ने बताया कि 21 की शाम को ही पहले सत्र में प्रख्यात संगीत लेखक यतीन्द्र मिश्र, विक्रम सम्पत और नमिता देवीदयाल शिरकत करेंगे। इसके बाद फेस्टिवल के पहले कंसर्ट में मीता पंडित की प्रस्तुति होगी। इस सत्र का नाम ‘स्वरों की वर्षा – संगीत- विद मीता पंडित’ है।

लोकप्रिय कलाकार करेंगे शिरकत

रविवार 22 सितंबर को सुबह 10 बजे दरभंगा घराना के ध्रुपद गायकी से शुरू होगी जिसमें प्रशांत और निशांत मल्लिक शामिल होंगे इसके बाद अगले सत्र में सत्र ‘घराना: फ्रॉम दी म्यूजिक फ्लो’ में इरफान ज़ुबैरी, मीता पंडित, पद्मातलवाकर और अजित प्रधान शिरकत करेंगे और इसका संचालन अखिलेश झा करेंगे ।

अगले सत्र में पवन कुमार वर्मा और सवर्णमाल्या गणेश भारतीय संगीत की देवदासी परंपरा पर चर्चा करेंगे। इसके बाद ठुमरी, गजल और तवायफ परंपरा पर लेखक अरुण सिंह, सबा दीवान और विद्या शाह द्वारा चर्चा होगी। अगले सत्र में अनीश प्रधान, नमिता देवीदयाल और अखिलेश झा भारतीय शास्त्रीय संगीत पर लेखन पर विमर्श करेंगे।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण है प्रख्यात गायिका और संगीतज्ञ बॉम्बे जयश्री और विक्रम सम्पत की वार्ता। इसके बाद उत्सव का समापन पंडित सुरेश तलवलकर के कंसर्ट ‘आवर्तन’ के साथ होगा, जो ताल योगी पंडित सुरेश तलवलकर द्वारा तबले की काव्यात्मक व्याख्या है।

हर वर्ष होगा आयोजन

कार्यक्रम के आयोजक ‘नवरस स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स’ के सचिव डॉ अजीत प्रधान ने बताया कि अदब-ए-मौसिकी का यह पहला आयोजन है। इस बार से यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित होगा। उन्होने यह भी कहा यह कार्यक्रम न केवल बिहार बल्कि पूरे देश अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। अब से पहले किसी संगीत महोत्सव मंं संगीत की साधना करने वाले गायक और संगीतकार व संगीत पर लिखने वाले सुधि लेखक एक मंच पर नहीं आए हैं। उन्होने यह भी बताया कि संगीतप्रेमियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम को निःशुल्क रखा गया है।

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