दादा व मां मिलकर करते थे किशोरी का यौन शोषण, 20 साल कैद

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छह साल तक किशोरी का यौन शोषण करने वाला दादा और दुष्कर्म के लिए मूक सहमति देने वाली मां को पॉक्सो की विशेष अदालत ने मंगलवार को 20-20 साल कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में 12 फरवरी 2018 को रामकृष्ण नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। फिलवक्त दोनों आरोपी जेल में हैं। पीड़ित किशोरी का दादा रिटायर्ड फौजी है।

स्पीडी ट्रायल की इंस्पेक्टर उमा सिंह की देखरेख में कोर्ट का ट्रायल चल रहा था। सरकारी वकील सुरेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि साक्ष्य के अनुसार दादी के सामने ही आरोपी पोती को हवस का शिकार बनाता था। इस कुकर्म से मानसिक पीड़ा ङोल रही किशोरी की दादी की असमय मौत हो गई थी।

सात साल की उम्र से कर रहा था दुष्कर्म

बताते चलें कि रामकृष्णनगर में रिटायर्ड फौजी, पत्नी, बहू, दो पोतियों और एक पोते के साथ रहता था। उसका बेटा 2011 में रहस्यमय हालात में गायब हो गया था। वह सात साल की उम्र से अपनी बड़ी पोती से रोज दुष्कर्म कर रहा था। यह बात बच्ची ने मां को बताई थी, लेकिन मां ने चुप रहने को कहा। इसी तनाव के कारण उसकी दादी की मौत हो गई थी। वह बच्ची राजधानी के एक निजी एवं प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ती थी। 2017 में बच्ची की हालत देखकर स्कूल शिक्षिका ने उसकी मां को बुलाकर बेटी की अच्छी परवरिश करने की सलाह दी। तब उसकी मां ने अपने ससुर को जानकारी दी। इसके बाद रिटायर्ड फौजी ने बच्ची का यौन शोषण बंद कर दिया।

11 फरवरी 2018 को पीड़िता 13 वर्ष की थी और आठवीं कक्षा में पढ़ रही थी। दादी की भी मौत हो चुकी थी। इस दिन उसकी मां मायके गई हुई थी। तब रिटायर्ड फौजी ने एक बार फिर उसे हवस का शिकार बनाया। अगली सुबह स्कूल जाकर किशोरी ने शिक्षिका को आपबीती सुनाई। शिक्षिका ने फौरन इसकी जानकारी तत्कालीन सिटी एसपी (पूर्वी) विशाल शर्मा (वर्तमान में पूर्णिया एसपी) को दी। वह महिला पुलिसकर्मी को सादे लिबास में लेकर अस्पताल पहुंचे और किशोरी से बातचीत की।

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सारी कहानी जानने के बाद रामकृष्ण नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और किशोरी के दादा को हिरासत में लिया गया। इसके बाद किशोरी का कोर्ट में बयान दर्ज कराया गया, जिससे मालूम हुआ कि उसकी मां भी दोषी है। तब पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था।