83 करोड़ के टेंडर के लिए 83 लाख रूपए घूस, पथ निर्माण विभाग इंजीनियर गिरफ्तार

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नगरानी की टीम ने आज सुबह पटना में एक इंजीनियर को 16 लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया, 83 लाख रूपए घूस की मांग। इंजीनियर के घर से अकूत संपत्ति की बरामदगी की खबर आ रही है। निगरानी की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की, जिसमें छापेमारी के दौरान इंजीनियर के परिजनों द्वारा चुपके से रुपये जलाने की भी बात सामने आई है।

निगरानी की टीम ने पटना के बेली रोड स्थित अंबेडकर पथ के महिमा मंदिर के निकट अपराजिता पार्वती विला अपार्टमेंट में छापेमारी कर कटिहार में पथ निर्माण विभाग में इंजीनियर के पद पर तैनात अरविंद कुमार को 16 लाख रुपये रंगे हाथों घूस लेते गिरफ्तार किया है।

83 लाख के रिश्वत की मांग, किस्त में लेता था घूस

मिली जानकारी के अनुसार इंजीनियर अरविंद कुमार ने काम देने के बदले में 83 करोड़ रुपये के प्रोजक्ट के लिए 83 लाख रूपए घूस की मांग की थी। जिसमें से आज सुबह प्रोजेक्ट के लिए घूस के तौर पर पहली किस्त के रूप में वह 16 लाख रुपये कैश ले रहा था। इसी दौरान निगरानी की टीम ने उसके घर पर धावा बोला और रंगे हाथ इंजीनियर को घूस लेते गिरफ्तार कर लिया।

एमएलसी ने कहा, यही हश्र होना था घूसखोर का

एमएलसी अशोक अग्रवाल ने कहा कि मेन्टेन्स काम के एवज में इंजीनियर ने उनसे 83 लाख रूपए घूस मांगी थी। कार्यपालक अभियंता ने 16- 16 लाख के क़िस्त में रुपया मंगा था। इसकी शिकायत उन्होंने निगरानी से की थी। उन्होंने कहा कि रिश्वतखोर पदाधिकारी का यही हश्र होना था।

निगरानी सूत्रों ने बताया कि टीम ने जैसे ही छापेमारी शुरू की, वैसे ही इंजीनियर के परिजनों ने घर में रखे कुछ रुपये भी जला डाले। हालांकि, कितनी रकम जलाई गई है, इसकी अभी जांच चल रही है।

पटना में छापेमारी के साथ ही पुलिस की एक टीम कटिहार पथ निर्माण विभाग के कार्यालय में पहंची। टीम ने सभी विभागीय कार्य पर रोक लगा दी। कर्मियों को कार्यालय से बाहर निकलने से रोका गया । उसके कुछ ही देर बाद निगरानी की एक टीम भागलपुर से कटिहार पहुंची है।

200 करोड़ से अधिक का कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था टेंडर

कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार ने कटिहार की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से 80 लाख रुपये के रिश्वत की मांग की थी। रोड मेंटेनेन्स के लिए 200 करोड़ से अधिक का कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था टेंडर।

पथ निर्माण विभाग के प्रधान लिपिक ने बताया कि मेंटेनेन्स का काम टॉप लाइन कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था। निविदा ऊषा अग्रवाल के नाम हुआ था। सात वर्ष के मेंटेनेन्स का काम एक अरब से अधिक का बताया गया है। कंस्ट्रक्शन कंपनी एमएलसी अशोक अग्रवाल की पत्नी के नाम बताई गयी है।

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