बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर मानव श्रृंख्ला बनाकर विभिन्न कुप्रथाओं के खिलाफ लोगों को जागरुक करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार का निर्णय है कि अगले साल यानि 19 जनवरी 2020 को पूरे राज्य में जल-जीवन हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह समाप्ति व दहेज उन्मूलन जैसे सामाजिक मुद्दों पर मानव श्रृंख्ला का आयोजन कर लोगों को जागरुक किया जाए। यह मानव श्रृंख्ला राज्य स्तरीय होगा। इस मानव श्रृंख्ला का सभी जिलों में निर्माण कार्य आयोजित किया जाएगा।
जानें कैसा होगा मानव श्रृंख्ला का स्वरुप
उच्च अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि मानव श्रृंख्ला की कुल लंबाई 16,200 किलोमीटर होगी। इसका निर्माण बिहार के सभी जिलों के मुख्य मार्ग व सब रुट को मिलाकर की जाएगी। जिले के मुख्य मार्ग दूसरे जिले से जुड़ेंगे और अंत में ये सभी छोटे-बड़ें रुट पटना के गांधी मैदान में आकर मिलेंगे। जिले के अन्दर सब-रुट में भी मानव श्रृंख्ला बनायी जाएगी। मुख्य सचिव ने कहा है कि अगले साल बनने वाले मानव श्रृंख्ला की लंबाई, 21 जनवरी 2018 को बनाए गये मानव श्रृंखला की लंबाई से 20 प्रतिशत अधिक होगी। आगे उन्होंने कहा कि श्रृंख्ला निर्माण के लिए लोगों के पहुंचने से लेकर श्रृंख्ला निर्माण तक का समय तय किया जा चुका है।
सभी प्रतिभागी को 19 जनवरी की सुबह 10.30 बजे निर्धारित स्थल पर पहुंच जाना होगा। उसके बाद सुबह 11.30 से दोपहर 12 बजे तक मानव श्रृंखला में लोगों को आपस में एक-दूसरे के हाथ से हाथ जोड़कर खड़े रहना होगा। प्रतिभागियों को पटना को प्रस्थान स्थल मानकर सड़क की बांयी ओर एक-दूसरे का हाथ पकड़कर कतारबद्ध होना होगा।
किसकी होगी श्रृंखला निर्माण की जवाबदेही
अगले साल 19 जनवरी को बनने बवाले इस मानव श्रृंख्ला की जवाबदेही जिला पदाधिकारी व पुलिस अधीक्षक की होगी। बिहार सरकार द्वारा इन्हें यह आदेश दिया गया है कि जल्द ही आपसी बैठक कर इसकी तैयारी कर ली जाए। इस मानव श्रृंख्ला के लिए एक जिला से दूसरे जिला के मिलन स्थलों पर एवं मार्ग के निर्जन स्थलों पर विशेष तैयारी करनी होगी। इस कार्य के लिए विशेष टीम का गठन किया जाएगा। इस मानव श्रृंख्ला के निर्माण में होने वाली खर्च की राशि शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही सभी जिला को उपलब्ध करायी जाएगी।
इस मानव श्रृंख्ला को बनाने के लिए राज्य के विभिन्न जिला के सभी विभागों के सरकारी एवं गैर-सरकारी कर्मी, सरकारी एवं गैर-सरकारी विधालय, उच्च, उच्चतर व महाविधालय के शिक्षक, कर्मी, जीविका दीदी, आशा दीदी, सेविका, सहायिका व छात्र-छात्राओं को प्रचार-प्रसार में अपना योगदान देना होगा। हालांकि पहली से पांचवी क्लास के बच्चों को इस पूरी गतिविधि से दूर रखा गया है।
जनवरी में बनने वाले इस मानव श्रृंख्ला में सभी जिलों के वार्ड सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति के सदस्य, जिला पार्षद को अपने-2 क्षेत्र में अहम भूमिका में होने की बात कही गयी है। इन्हें यह जिम्मेदारी दी गयी है कि ये अपनी सक्रिय भागीदारी से लोगों को अपने स्तर पर प्रेरित करें। श्रृंख्ला की इस पूरी प्रक्रिया में भिन्न-भिन्न विभागों के वाहन, एम्बुलेंस एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का जिला पदाधिकारी के आदेश पर उपयोग किया जाएगा।
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मानव श्रृंख्ला का मुख्य थीम
बता दें कि 19 जनवरी को लगने वाली इस मानव श्रृंख्ला का मुख्य थीम,- सरकार द्वारा आयोजित जल-जीवन-हरियाली योजना, नशा मुक्ति, बाल विवाह समाप्ति एवं दहेज उन्मूलन है। यही कारण है कि इसमें संबंधित विभागों के मानव संसाधन एवं अन्य संशाधन पूरी तरह उपयोग में लाया जाएगा। इतना ही नहीं मानव संसाधन की पूरी प्रक्रिया व गतिविधि को फोटोग्राफी व विडियोग्राफी के माध्यम से कैप्चर किया जाएगा। यह कार्य जिला पदाधिकारी को स्वयं अपनी निगरानी में कराना है। इस कार्य के लिए जिला पदाधिकारी को राज्य सरकार द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि एक ठोस दस्तावेज से जुड़ें कार्य के लिए दल का गठन करें जो सभी क्षेत्रों से सूचनाएं और सामग्री एकत्र करेगा।
पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी
बता दें कि मानव श्रृंख्ला की इस कड़ी में भिन्न-भिन्न जिलों में तैनात पुलिसकर्मी की जिम्मेदारी भी बढ़ गयी है। पुलिसकर्मी को सेक्टरवाईज ट्रैफिक व्यव्स्था सुनिश्चित करने की जिममेदारी दी गयी है। इसके अलावा श्रृंख्ला के मुख्य मार्ग की जिम्मेदारी ROUTE LINING पुलिस मुख्यालय मुख्य मार्ग पर एवं जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक, तथा अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को सौंपी गयी है।
जिला पदाधिकारी को मानव श्रृंख्ला के व्यपक प्रचार-प्रसार का कार्यभार भी सौपा गया है। उन्हें यह जिम्मेदारी दी गयी है कि वे ऐसी योजना बनाएं जिससे समाज के सभी वर्ग इस श्रृंख्ला में अपनी भागीदारी निभा सके। इस श्रृंख्ला के दौरान शुद्ध वातावरण निर्माण के लिए कला जत्था का आयोजन, नारा लेखन, साईकिल रैली इत्यादि के लिए भी सभी जिलों के पदाधिकारियों को राशि उपलब्ध करायी जा रही है।
आगामी श्रृंख्ला को सफल बनाने के लिए जिला पदाधिकारी व जिला पदाधिकारी द्वारा नामित वरीय पदाधिकारी को इस बात की सख्त हिदायत दी गयी है कि वे सभी प्रकार के आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला स्तर पर उप-समिति बना लें, और उन उपसमितियों का एक प्रभारी जिला पदाधिकारी स्वयं चुनें। उस प्रभारी को यह जिम्मेदारी दी जाए कि वे सभी गतिविधियों के कार्यकर्ता, कर्मचारी व विशेषज्ञ के कार्यों पर नजर रखें।