मुंगेर: बिहार के मुंगेर में बीते माह पूर्व विधान पार्षद मौलाना सैयद वली रहमानी के अंतिम संस्कार के दौरान यह वाकया हुआ था। राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि के वक्त सिपाहियों की राइफल से गोली नहीं चल पाई थी। बिहार के इमारत-ए-शरिया के अमीर और पूर्व विधान पार्षद मौलाना सैयद वली रहमानी का तीन अप्रैल को निधन हो गया था। उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। उस दौरान पुलिस राइफल से गोली नहीं चलने पर मुंगेर प्रमंडल पुलिस उपमहानिरीक्षक ने आठ पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई है।
मुंगेर प्रमंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक शफीउल हक ने बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश में कहा है कि पुलिस शस्त्र नियम 1104 के मुताबिक हथियार, गोली की सफाई और रख रखाव की जिम्मेदारी परिचारी प्रवर की होती है।
10 में से छह हथियारों से नहीं दागी जा सकी गोली
आदेश के मुताबिक दिवंगत वली रहमानी के राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार में 10 में से छह हथियार से गोली नहीं चलने के लिए परिचारी प्रवर अशोक बैठा जिम्मेवार हैं। उन्होंने सही हथियार और गोली इस अहम मौके के लिए नहीं उपलब्ध कराए। यह जिम्मा आरक्षी निरीक्षक राम लाल यादव का था, जिनके कारण पुलिस को शर्मिंदा होना पड़ा। दोनों को एक-एक निंदन (प्रतिकूल प्रविष्टि) की सजा दी जाती है।
आदेश में कहा गया है कि कार्यक्रम के दौरान हवलदार धनेश्वर चौधरी एवं सिपाही मुकेश कुमार, मुनेश्वर कुमार, सुमन कुमार, रंजन कुमार एवं गौरी शंकर गुप्ता को देखकर ऐसा लगा कि गोली चलाना तो दूर की बात इन्हें राइफल को कॉक करना भी नहीं आता है। उनसे कई गोली, भरने के दौरान गिर गई थी। मुंगेर प्रमंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक द्वारा जारी उक्त आदेश में कहा गया है कि कुल मिलाकर इन्होंने पुलिस का मजाक बना दिया इसलिए इन सभी छह को दो-दो निंदन की सजा दी गई है।
जगन्नाथ मिश्र की अंत्येष्टि में भी नहीं चली थी गोली
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमित वली रहमानी की तीन अप्रैल को पटना शहर स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिवंगत वली रहमानी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कराए जाने की घोषणा की थी।
विदित हो कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का वर्ष 2019 में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने के समय पुलिसकर्मियों के राइफल से गोली नहीं चलने के कारण भी सरकार को फजीहत का सामना करना पड़ी था।